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श्री नरेन्द्र मोदी
भारत के प्रधान मंत्री
भारत सरकार
श्री अमित शाह
माननीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री
भारत सरकार
श्री योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश सरकार
श्री जेoपीoएसo राठौर
माननीय मंत्री सहकारिता विभाग
उत्तर प्रदेश
सहकारिता विभाग: एक परिचय

देश एवं प्रदेश में सहकारिता आन्दोलन वर्ष 1904 में जनसाधारण विशेष रूप से ग्रामीण कृषकों के आर्थिक विकास हेतु अल्पकालीन फसली ऋण से प्रारम्भ हुआ था। उस समय सहकारिता का मूल उद्देश्य कृषकों को फसल उत्पादन हेतु उचित ब्याज दर/शर्तों पर ऋण उपलबध कराकर उन्हें महजनों के चंगुल से मुक्त कराना था। कालान्तर में अल्कालीन ऋण के साथ-साथ उर्वरक बीज वितरण, प्रक्रिया इकाई/शीतगृह संचालन, उपभोक्ता वस्तुओं का वितरण, दीर्घकालीन ऋण वितरण, श्रमिकों का संगठन, दुग्ध विकास, गन्ना, उद्योग, आवास हथकरघा विकास आदि कार्यक्रम भी सहकारी समितियों के माध्यम से प्रारम्भ हो गये।

इस प्रकार सहकारी आन्दोलन/कार्यक्रमों का क्षेत्र विस्तृत एवं व्यापक हो जाने के कारण निबन्धक, सहकारी समितियों का अधिकार अन्य नौ विभागों यथा-गन्ना, उद्योग, खादी ग्रामोद्योग, आवास, दुग्ध, हथकरघा, मत्स्य, रेशम एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को भी प्रदान कर दिया गया है। सहकारी समितियों का प्रबन्ध लोकतान्त्रिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है, जिससे जन सहभागिता को बढ़ावा मिलता है।

सहकारिता द्वारा जन साधारण को दी जाने वाली प्रमुख सुविधायें:-

  • प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समिति के माध्यम से नियमित भुगतान करने वाले कृषकों को राज्य सरकार के सहयोग से रू0 3.00 लाख तक का ऋण 3 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। ब्याज दर मे कमी होने के फलस्वरूप अन्तर की प्रतिपूर्ति प्रदेश सरकार द्वारा ब्याज अनुदान के रूप में की जाती है।
  • उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक द्वारा अपनी शाखाओं के माध्यम से कृषि एवं अकृषि क्षेत्र हेतु दीर्घ कालीन ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
  • प्रदेश के नगरीय सहकारी बैंक अपने कार्य क्षेत्र में उपभोक्ता ऋण, आवास ऋण, वाहन ऋण एवं रोजगार ऋण उपलब्ध कराते है।
  • किसानो को बिचैलियों के शोषण से बचाने के लिए उनकी कृषि उपज को सहकारी समिति द्वारा क्रय करके उनको उचित मूल्य दिलाया जाता है एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित मूल्य सर्मथन योजनान्र्तगत गेहू एवं धान की खरीद की जाती है।
  • सहकारी समितियो की वर्तमान भण्डारण क्षमता में वृद्वि किये जाने हेतु अतिरिक्त भण्डारण क्षमता का सृजन किया जा रहा है जिसके अन्र्तगत 100 मै0टन एवं 250 मै0टन क्षमता के गोदाम निर्मित कराये जा रहे है।उर्वरक एवं बीज वितरण

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विश्लेषणात्मक डैशबोर्ड

मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना(CM-NSY)-153
35
नवसृजित नगर पंचयात(28)

पूर्व के कार्य-580

भविष्य का लक्ष्य-950

वर्तमान के कार्य-340

27
विस्तारित नगर निगम (3)

पूर्व के कार्य-5120

भविष्य का लक्ष्य-8450

वर्तमान के कार्य- 2340

67
अमृत टाउन (3)

पूर्व के कार्य-1220

भविष्य का लक्ष्य-1840

वर्तमान के कार्य-1250

90
विस्तारित नगर पालिका परिषद (3)

पूर्व के कार्य-2120

भविष्य का लक्ष्य-4250

वर्तमान के कार्य- 3840

65
विस्तारित नगर
पंचायत(97)

पूर्व के कार्य-6220

भविष्य का लक्ष्य-5250

वर्तमान के कार्य- 3450

पंद्रहवां वित्त आयोग
वित्तीय प्रगति (Cr)

निर्गत स्वीकृत धनराशि-580

स्वीकृत धनराशि-450

व्यय धनराशि-350

उपलब्ध धनराशि-100

प्लानिंग

कार्य स्वीकृत -95

आरंभ किया गया कार्य -45

व्यय

स्वीकृत की लागत -195

आरंभ किया गया कार्य -85

3 अच्छे प्रदर्शन
वाले सेक्टर

स्वच्छता - 65 %

पेयजल - 55%

मार्ग प्रकाश - 52%

3 खराब प्रदर्शन
वाले सेक्टर

कार्यालय/भवन - 35%

जन सुविधा केन्द्र - 30%

मार्ग - 28%

अन्य विभागीय लिंक